लिवर हमारी बॉडी का एक बेहद जरूरी अंग है, जो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने, पोषक तत्वों को प्रोसेस करने और मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन बदलती जीवनशैली, अनहेल्दी डाइट और लगातार बढ़ता तनाव लिवर हेल्थ को सीधा नुकसान पहुंचा रहे हैं।
आजकल लिवर की बीमारियां खासकर फैटी लिवर डिजीज तेजी से बढ़ रही हैं, और चिंता की बात यह है कि ये समस्याएं अक्सर शुरुआती चरण में कोई खास लक्षण नहीं दिखातीं। लगातार थकान रहना, पेट भारी लगना, भूख न लगना या मतली महसूस होना कुछ ऐसे संकेत हो सकते हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है।
एक समय था जब फैटी लिवर को सिर्फ एल्कोहल से जुड़ी समस्या माना जाता था, लेकिन अब नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) और स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) जैसे मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है। मोटापा, हाई कैलोरी फूड, शारीरिक निष्क्रियता और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन इसके मुख्य कारण हैं। समय रहते इलाज न किया गया तो ये समस्याएं आगे चलकर लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर में भी बदल सकती हैं।
लिवर को हेल्दी बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है एक संतुलित और पौष्टिक आहार। अपने डेली डाइट में ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, हाई प्रोटीन फूड जैसे पनीर, दालें, मछली, सोयाबीन और नट्स को शामिल करें। दूसरी तरफ, जंक फूड, डीप फ्राइड चीज़ें, सोडा और चीनी से भरपूर ड्रिंक्स को पूरी तरह से अवॉयड करना चाहिए।
इसके साथ ही, रोज़ाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि जैसे वॉकिंग, योग या साइकलिंग लिवर के लिए फायदेमंद होती है। फिजिकल एक्टिविटी न सिर्फ वजन कंट्रोल में रखती है, बल्कि लिवर को फैट जमा होने से भी बचाती है। इसके अलावा, हेपेटाइटिस A और B का वैक्सीनेशन करवाना भी बेहद जरूरी है ताकि लिवर को वायरल इंफेक्शन से सुरक्षा मिल सके।
अगर किसी हेल्थ चेकअप या अल्ट्रासाउंड में फैटी लिवर की पुष्टि होती है तो घबराएं नहीं, लेकिन इसे नजरअंदाज भी न करें। यह शरीर की तरफ से एक वॉर्निंग है कि अब लाइफस्टाइल सुधारने की ज़रूरत है। समय पर कदम उठाकर और सही आदतें अपनाकर लिवर को दोबारा स्वस्थ बनाया जा सकता है।
लिवर हेल्थ को बेहतर बनाए रखने के लिए जरूरी है कि हम अपनी डेली लाइफ में छोटे लेकिन असरदार बदलाव करें। हेल्दी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, स्ट्रेस मैनेजमेंट और रेगुलर हेल्थ चेकअप लिवर की सेहत को बरकरार रखने के लिए बेहद जरूरी हैं।
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