‘कोरोना वायरस’ का नाम सुनते ही 2020-21 की वो भयावह यादें ताज़ा हो जाती हैं, जब इसने दुनियाभर में कहर बरपाया था। यह वायरस बार-बार अपने रूप और व्यवहार में बदलाव कर नए वेरिएंट्स के रूप में सामने आता रहा है — और अब एक बार फिर यह नए सब-वेरिएंट JN.1 के रूप में लौट आया है।
हर बार की तरह इस बार भी यह वेरिएंट कुछ नए लक्षणों, संक्रमण की तेज़ रफ्तार, और बदलती रणनीति के साथ उभर रहा है। ऐसे में ज़रूरी है कि हम समझें कि JN.1 वेरिएंट क्या है, यह कितना खतरनाक है और इससे बचने के लिए कौन-से एहतियात बरतने चाहिए।
किन देशों में तेजी से फैल रहा है कोरोना का जेएन.1 वैरिएंट
कोरोना वायरस का JN.1 वेरिएंट सिंगापुर, हांगकांग और थाईलैंड में तेज़ी से फैल रहा है, और अब इसने भारत में भी दस्तक दे दी है। इन एशियाई देशों में रोज़ाना इसके नए मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। भारत में केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में संक्रमण के नए मरीज तेज़ी से सामने आ रहे हैं।मुंबई के केईएम अस्पताल में दो कोरोना पॉज़िटिव मरीजों की मौत के बाद शहर में सतर्कता बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है और संक्रमण की रोकथाम के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
कोरोना जेएन.1 वैरिएंट क्या है?
JN.1 वेरिएंट, ओमिक्रोन का ही एक नया रूप है, जिसे इसके सब-वेरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 के साथ मौजूदा संक्रमणों के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। यह वायरस ओमिक्रोन बीए.2.86 वंश का हिस्सा है और इसकी पहली पहचान अगस्त 2023 में हुई थी।
इस वेरिएंट में लगभग 30 जीन म्यूटेशन पाए गए हैं, जो इसे पहले की तुलना में कहीं अधिक संक्रामक बनाते हैं। इसके अतिरिक्त एक-दो अतिरिक्त म्यूटेशन इसे मानव शरीर में बेहद आसानी से प्रवेश करने की क्षमता प्रदान करते हैं। यह वायरस मुख्यतः संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर सांस, आंख, नाक और मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और तेजी से फैलता है।कितना खतरनाक है कोरोना का जेएन.1 वैरिएंट?
कोरोना का भयावह रूप हम सभी देख चुके हैं, लेकिन क्या इसका नया वैरिएंट जेएन.1 भी उतना ही खतरनाक है? इस सवाल पर सर्वोदय अस्पताल की पल्मोनोलॉजी विभाग की एसोसिएट डायरेक्टर और प्रमुख डॉ. मनीषा मेंदीरत्ता कहती हैं कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि जेएन.1 वैरिएंट कितना खतरनाक है। अभी तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि यह वैरिएंट पहले से अधिक घातक है।हालांकि, यह वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है, इसलिए सतर्कता जरूरी है। इससे बचाव के लिए मास्क पहनना, हाथों की नियमित रूप से साबुन या हैंडवॉश से सफाई करना, और भीड़-भाड़ से दूरी बनाए रखना आवश्यक है।
डॉ. मेंदीरत्ता के अनुसार, लोगों को फिलहाल इस वैरिएंट से ज्यादा डरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सावधानी जरूर बरतनी चाहिए। खासकर जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि वे इसकी चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
कोरोना के जेएन.1 वैरिएंट के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
- गले में खराश और खांसी
- नींद न आना (अनिद्रा)
- चिंता या एंग्जायटी महसूस होना
- नाक बहना
- सिरदर्द, कमजोरी और थकान
- मांसपेशियों में दर्द
- बुखार
कोरोना के नए जेएन वैरिएंट से बचाव के उपाय
- अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। यदि जाना आवश्यक हो, तो मास्क का सही तरीके से उपयोग अवश्य करें।
- सर्दी, खांसी या फ्लू जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और खुद को आइसोलेट करें, ताकि संक्रमण दूसरों तक न फैले।
- अपने हाथों को बार-बार साबुन या हैंडवॉश से अच्छी तरह धोते रहें।
- खांसी या छींक आने पर मुंह और नाक को रुमाल या टिशू से ढकें। इस्तेमाल किए गए टिशू को खुले में फेंकने के बजाय अच्छी तरह लपेटकर डस्टबिन में डालें।
- बाहर से घर में प्रवेश करने के बाद या किसी भी वस्तु को छूने से पहले और बाद में हाथों को सैनिटाइज़ करना न भूलें।
बूस्टर डोज लेने वालों पर कोरोना के जेएन.1 वैरिएंट का कितना प्रभाव?
डॉ. मनीषा मेंदीरत्ता (फरीदाबाद) के अनुसार, अधिकांश लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ ले ली थीं और कई ने बूस्टर डोज भी लगवाई है। हालांकि, जेएन.1 जैसे नए वैरिएंट का खतरा अब सभी के लिए बना हुआ है।
डॉ. मेंदीरत्ता बताती हैं कि जिन लोगों ने बूस्टर डोज ली थी, समय के साथ उनकी इम्यूनिटी में कमी आना स्वाभाविक है। ऐसे में बूस्टर डोज लेने वालों पर भी जेएन.1 वैरिएंट का प्रभाव सामान्य लोगों के बराबर ही हो सकता है। इसलिए सतर्कता जरूरी है, चाहे आपने बूस्टर डोज ली हो या नहीं। नियमित सावधानियाँ जैसे मास्क पहनना, हाथों की स्वच्छता बनाए रखना और भीड़ से दूरी बनाए रखना सभी के लिए आवश्यक है।क्या इस समय यात्रा करना सुरक्षित है?
भारत सहित कई एशियाई देशों में कोविड-19 के मामलों में फिर से वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में बिना आवश्यक कारण के यात्रा करने से बचना ही समझदारी है, विशेष रूप से थाईलैंड और सिंगापुर जैसे देशों की यात्रा से पहले सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए।हाल ही में बिग बॉस 18 की प्रतिभागी और बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शिरोडकर तथा आईपीएल हैदराबाद टीम के बल्लेबाज़ ट्रेविस हेड भी यात्रा के दौरान कोरोना संक्रमित पाए गए।
इसलिए, जब तक बहुत ज़रूरी न हो, यात्रा से बचना ही बेहतर है। सतर्कता और सीमित मूवमेंट के ज़रिए आप स्वयं को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
इन जरूरी बातों का खास ध्यान रखें
- संक्रमण होने पर पैनिक ना करें और ना ही घबराएँ
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अवश्य करें
- बेवजह यात्रा करने से बचें
- कोविड पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आने पर कोविड टेस्ट जरूर करवाएं
- किसी भी अफवाह पर विश्वास ना करें।
- सतर्क रहें और खुद को सुरक्षित रखें।
- अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने पर ध्यान दें।
- अगर फ्लू जैसे लक्षण दिखें तो बिना देर किए हुए टेस्ट कराएं।
- बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बीमार लोग विशेष सावधानी बरतें।