Dainik Bhaskar
17 Apr, 2025

सेहतनामा: बार-बार नाक से खून? हो सकता है हीमोफीलिया – जानें लक्षण और इलाज

वर्ल्ड हीमोफीलिया डे स्पेशल: जब मामूली चोट से भी नहीं रुकता खून
हीमोफीलिया: लक्षण, कारण, जटिलताएं और ज़रूरी सावधानियां

हर साल 17 अप्रैल को वर्ल्ड हीमोफीलिया डे मनाया जाता है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के अनुसार, दुनियाभर में करीब 11 लाख लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं, जिनमें से अधिकतर को इसकी जानकारी तक नहीं होती। वहीं, नेशनल ब्लीडिंग डिसऑर्डर संगठन का अनुमान है कि लगभग 4.18 लाख लोग गंभीर हीमोफीलिया के शिकार हैं और उन्हें इस बात का पता भी नहीं है।

क्या है हीमोफीलिया?

हीमोफीलिया एक दुर्लभ जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर खून को जमाने वाले आवश्यक क्लॉटिंग फैक्टर्स का उत्पादन नहीं कर पाता या उनकी मात्रा बहुत कम होती है। इसके कारण मामूली चोट या कट पर भी खून देर तक बहता रहता है और रुकता नहीं है।

इसके प्रमुख लक्षण:

  • मामूली चोट पर भी लंबे समय तक खून बहना

  • शरीर पर बिना वजह नीले-पीले निशान

  • बार-बार नाक से खून आना

  • जोड़ों में सूजन और दर्द

  • बच्चों में बार-बार गिरने या टकराने से अंदरूनी ब्लीडिंग

बीमारी के प्रकार:

हीमोफीलिया तीन प्रकार का होता है –

  1. हीमोफीलिया A (फैक्टर VIII की कमी)

  2. हीमोफीलिया B (फैक्टर IX की कमी)

  3. हीमोफीलिया C (रेयर, फैक्टर XI की कमी)

संभावित जटिलताएं:

  • इंटरनल ब्लीडिंग: खासकर जोड़ों और मसल्स में

  • ब्रेन हेमरेज: सिरदर्द, उल्टी, बेहोशी जैसे लक्षणों के साथ

  • सर्जरी या दांत निकलवाने पर अत्यधिक ब्लीडिंग

  • क्लॉटिंग फैक्टर पर एंटीबॉडी बनना (इनहिबिटर्स)

  • नसों का दबना, अंगों में सुन्नपन

जांच कैसे होती है?

  • फैमिली और मेडिकल हिस्ट्री

  • ब्लड टेस्ट: CBC, PT/PTT

  • क्लॉटिंग फैक्टर टेस्ट से तय होता है कि कौन-सा फैक्टर और कितनी मात्रा में कम है

इलाज क्या है?

इसका कोई स्थाई इलाज नहीं है, लेकिन रिप्लेसमेंट थेरेपी और एंटीफाइब्रिनोलिटिक दवाओं की मदद से इसे मैनेज किया जा सकता है। गंभीर मरीजों को नियमित रूप से क्लॉटिंग फैक्टर दिए जाते हैं ताकि ब्लीडिंग से बचा जा सके।

क्या सावधानियां जरूरी हैं?

  • जोखिम भरे खेलों से बचें (जैसे फुटबॉल, बॉक्सिंग)

  • खून पतला करने वाली दवाओं (जैसे एस्प्रिन) से बचें

  • नियमित डेंटल केयर और फ्लॉसिंग करें

  • वजन संतुलित रखें

  • अपने करीबी लोगों को बीमारी की जानकारी दें, ताकि इमरजेंसी में मदद मिल सके

निष्कर्ष:
हीमोफीलिया को पहचानना और सही समय पर इलाज शुरू करना जीवन को सुरक्षित और सामान्य बनाए रखने के लिए जरूरी है। जागरूकता ही इसकी सबसे बड़ी दवा है।